नई दिल्ली (एजेंसी)। देशभर में पार्टी का जनाधार बढ़ाने और 50 प्रतिशत से
ज्यादा वोट हासिल कर देश में तीसरी बार सरकार बनाने के मिशन में जुटी भाजपा
इस बार 2019 के लोकसभा चुनाव के मुकाबले ज्यादा सीटों पर अकेले लड़ने की
तैयारी कर रही है। पार्टी सूत्रों की मानें, तो भाजपा इस बार 460 से ज्यादा
सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारने की तैयारी कर रही है। यह आंकड़ा किसी भी
सूरत में 460 से नीचे नहीं रहेगा, बल्कि इसमें 5-6 सीटों की बढ़ोतरी की ही
ज्यादा संभावना नजर आ रही है। साल 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने 436
सीटों पर अपने उम्मीदवार खड़ेकिए थे और बाकी सीटें सहयोगी दलों को दी थी,
लेकिन इस बार भाजपा 460 से ज्यादा सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारेगी और बाकी
सीटें सहयोगी दलों को देगी। भाजपा की राज्यवार रणनीति पर नजर डालें तो 2019
के लोक सभा चुनाव में पार्टी बिहार की 40 में से सिर्फ 17 लोक सभा सीटों पर
अकेले चुनाव लड़ी थी और बाकी बची 23 सीटों में 17 जेडीयू और 6 लोजपा को दी
थी, लेकिन इस बार नीतीश कुमार विपक्षी गठबंधन के साथ है। ऐसे में भाजपा इस
बार बिहार में 30 सीटों पर स्वयं लड़ने की तैयारी कर रही है और बाकी बची 10
सीटें भाजपा अपने सहयोगी दलों के लिए छोड़ेगी। उत्तर प्रदेश की 80 लोकसभा
सीटों में से भाजपा 2019 में 78 पर चुनाव लड़ी थी और 2 सीट अपना दल ( एस) को
दिया था, इस बार अगर पार्टी को ओम प्रकाश राजभर को लोकसभा सीट देनी पड़ी तो
पार्टी 77 सीट पर चुनाव लड़ेगी और इस एक सीट की भरपाई महाराष्ट्र में की जा
सकती है। महाराष्ट्र में पिछली बार उद्धव ठाकरे भाजपा के साथ मिलकर चुनाव
लड़े थे, लेकिन इस बार वह विपक्षी गठबंधन के साथ है। 2019 में महाराष्ट्र
में 25 सीटों पर चुनाव लड़ने वाली भाजपा इस बार 26 सीटों पर उम्मीदवार उतारने
की तैयारी कर रही है। बाकी बची हुई 22 सीटें पार्टी अपने सहयोगियों के लिए
छोड़ेंगी। राजस्थान में भाजपा ने पिछले चुनाव में एक सीट हनुमान बेनीवाल की
पार्टी आरएलपी को दी थी, लेकिन इन बार पार्टी राज्य की सभी 25 सीटों पर
अकेले चुनाव लड़ेगी। पिछली बार पंजाब में सिर्फ 3 सीटों पर लड़ने वाली भाजपा
इस बार राज्य की सभी 13 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारने की तैयारी कर रही है।
हालांकि एनडीए में शामिल सहयोगी दलों की संख्या 2019 के लोकसभा चुनाव के
मुकाबले इस बार बढ़ी है